भगवान शिव को पसंद है धतुरा,कनेर, भांग,गांजा और अकौआ | जाने क्या है रहस्य

औगडदानी, नील कंठेश्वर, योगेश्वर अवधूत के नाम भगवान शिव के ही नाम हैं जो दर्शाते है कि इस संसार में शिव शून्य है और शिव ही ब्रम्हांड हैं | जो योग, तप और वैराग्य के प्रतीक हैं | जिनके गले में विषधर, ललाट पर चंद्र और जटाओं में गंगा विराजमान हैं | ऐसे देवों के…

भगवान शिव के आदि शक्ति के रूप सती, पार्वती, गौरा से विवाह की

भगवान शिव केवल एक योगी ही नहीं, बल्कि संसार की रचना, स्थिति और संहार करने वाली महाशक्ति भी हैं। उनके विवाह से जुड़ी कहानियों में कई प्रकार की व्याख्याएं मिलती हैं, जो विभिन्न युगों और पुराणों में वर्णित हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की कुल कितनी शादियाँ हुईं? पुराणों के अनुसार भगवान…

सावन के गुप्त और अचूक उपाय, नौकरी, धन और सुख का रास्ता यहीं से शुरू होता है!

हम सभी जानते हैं कि श्रावण मास अत्यंत पवित्र महीना है । यह महीना साल में एक बार आता है और अगर हम इसका भरपूर उपयोग करें तो हम अपने अधिकांश परेशानियों से दूर हो सकते हैं । कुछ परेशानियों को दूर करने का उपाय हम आपको बता रहे हैं ।प्रमोशन के लिए सावन के…

एक लोटा जल से एक साथ होता है 108 शिवलिंग का अभिषेक

एक लोटा जल से एक साथ होता है 108 शिवलिंगों का अभिषेक धर्मेन्द्र सिंह राजपूत सागर/राहतगढ़ | मध्यप्रदेश के सागर जिले के राहतगढ़  कसबे मै करीब 900 वर्ष प्राचीन अद्धभुत शिव मंदिर  है जिसमें एक जलहरी मैं  एक सौ आठ शिवलिंग  स्थापित हैं  हिन्दू धर्म में सावन महीने  भगवान शिव के पूजन का महीना माना…

गुरू मिल गये तो हरि भी मिलेंगें : किशोर दास जी

हरि नहीं मिले हैं तो कल मिलेंगें पर अब जब हरि नाम में खोकर तो देखो गुरू मिल गये तो हरि भी मिलेंगें। श्री किशोर दास देव जी महाराज।श्री भक्तमाल कथा के पंचम दिवस में परम पूज्यनीय श्री श्री स्वामी महंत श्री किशोर दास देव जू महाराज श्री राम वृंदावन ने अपनी अमृतमय वाणी से…

भक्ति के लिए धनवान होना जरूरी नहीं : आर्यिका श्री

भक्ति के लिए धनवान होना जरूरी नहीं है : आर्यिका श्रीविधान में 256 अर्घ्य हुए समर्पित सुरेन्द्र जैन मालथौन। मालथौन के जैन बड़ा मंदिर जी मे चल रहे श्री 1008 सिद्ध चक्र महामण्डल विधान में पंचम दिवस विधानचार्य नीलेश भैया एवं योगेश भैया ने मंत्रोच्चार कर अष्टद्रव्य से 256 अर्घ्य समवशरण में श्रावकों ने समर्पित…

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पुरी नहीं पहुंचे तो क्या गढ़ाकोटा में कर लो दर्शन

गढ़ाकोटा में 1857 से लगातार निकल रही है रथयात्रा वैद्य ने टटोली भगवान की नब्ज, 27 जून को निकलेगी भव्य रथयात्रा सागर | देश के इतिहास में भले ही बीते समय की बात हो चुकी हो लेकिन गढ़ाकोटा के इतिहास में इसके वर्तमान स्वरूप के दर्शन आज भी प्रतिवर्ष आषाढ़ मास की दोज को भगवान…