सागर की बेटी पढ़ रही है हांगकांग पॉलेटेक्निक कॉलेज में
भारत की एक मात्र बेटी जिसे मिली शत प्रतिशत स्कॉलरशिप

विदेशों में पढाई करने के लिए जहाँ विद्यार्थी लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं | वहीं सागर जिले की एक बेटी स्कॉलरशिप लेकर विदेश में पढ़ने के अपने सपने को साकार कर रही है | पूरे भारत से वह एक मात्र ऐसी छात्रा है जिसे हाँगकाग का यह कॉलेज स्कॉलरशिप भी देगा और शिक्षा भी देगा |

सागर| सागर स्थित महार रेजीमेंट में पढ़ने वाली बेटी संचिता साहू विश्व में 35वीं रैंक प्राप्त कॉलेज हांगकांग पॉलेटेक्निक कॉलेज में अपना पसंदीदा कोर्स कर रहीं। यह सब संभव हो पाया है संचिता की मेहनत और लगन से। संचिता साहू के पिता श्री शिवकांत साहू से बात करने पर उन्होंने बताया कि मेरी बिटिया संचिता साहू  ने महार रेजिमेंट पब्लिक स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की है। वे बताते हैं कि संचिता  स्कूल की पढ़ाई में हमेशा टॉप फाइव में आती रही है। स्कूली शिक्षा के साथ-साथ उसने कई तरह की एक्टिविटी भी की है जो कि विश्व स्तरीय है। इस तरह के कई सर्टिफिकेट भी संचिता के पास हैं। महार रेजिमेंट पब्लिक स्कूल से 12वीं कक्षा की परीक्षा पास करने के बाद उसने विश्व की प्रमुख कॉलेज में प्रवेश के लिए आवेदन किया एवं एडमिशन की विशेष प्रक्रिया को पार किया, उसकी विशेष प्रतिभा को देखते हुए विश्व के कई कॉलेजों ने संचिता को अपने कॉलेज में प्रवेश देने के लिए मंजूरी दी। बहुत से कॉलेज ऐसे थे जो कि 50 से 80 प्रतिशत स्कॉलरशिप के साथ प्रवेश देने को तैयार थे
लेकिन संचिता के पिता की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उसे 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप के साथ ही कॉलेज में प्रवेश चाहिए था। शिवकांत साहू बताते हैं कि उसका यह प्रयास सफल हुआ और उसे अमेरिका की प्रसिद्ध कॉलेज ( Wesleyan women’s College )  ने 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप के साथ प्रवेश हेतु मंजूरी दी। यह स्कॉलरशिप भारत में सिर्फ दो बच्चों को ही दी गई है। एक दूसरी कॉलेज हांगकांग पॉलिटेक्निक कॉलेज में भी संचिता को 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप के साथ प्रवेश मिला है, जिसकी विश्व में रैंकिंग लगभग 35 है। हांगकांग पॉलिटेक्निक कॉलेज द्वारा यह स्कॉलरशिप भारत में सिर्फ एक ही बच्चे को मिली है और वह है  संचिता  साहू। हांगकांग पॉलेटेक्निक कॉलेज में उसका पसंदीदा सब्जेक्ट बीबीए मिला है,  वर्तमान में वह हांगकांग में ही पढ़ रही है। पढ़ाई के साथ साथ उसने कॉलेज में कई तरह के प्रोजेक्ट में भाग लिया जिसके तहत संचिता को नेपाल, वियतनाम, अमेरिका जैसे देशों में जाकर अपना प्रोजेक्ट पूरा करने का अवसर मिला है।

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