
सागर जेल में आजीवन कारावास से दंडित 18 बंदियों को किया रिहा
सागर | महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर राज्य शासन द्वारा केन्द्रीय जेल सागर एवं खुली जेल सागर से आजीवन कारावास के 14 पुरूष और 4 महिला बंदियों को रिहा किया गया। मध्यप्रदेश शासन जेल विभाग की रिहाई नीति दिनांक 27-05-2025 के अंतर्गत आजीवन कारावास से दंडित बंदियों को सजा में विशेष माफी प्रदान की गई है। इस नीति के अंतर्गत आजीवन कारावास से दंडित बंदियों में बलात्कार पॉक्सो आदि प्रकरण वाले दंडित बंदियों को किसी भी प्रकार की माफी प्रदान नहीं की गई है। रिहा किए जा रहे बंदियों को जेल में निरूद्ध रहने के दौरान उनके पुनर्वास हेतु उन्हे टेलरिंग कारपेन्ट्री लौहारी भवन मिस्त्री भवन सामंग्री निर्माण आदि का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है जिससे रिहा होने के पश्चात् वह अपनी जीवकोपार्जन के साधन अर्जित कर सके। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश शासन की रिहाई नीति में आवश्यक संशोधन किया गया है और अब आजीवन कारावास से दंडित बंदियों को वर्ष में 5 अवसरों पर रिहा किया जाएगा। पूर्व में गणतंत्र दिवस अम्बेडकर जयंती स्वतंत्रता दिवस एवं गांधी जयंती पर बंदी रिहा किये जाते थे। किन्तु अब राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस 15 नवम्बर को भी आजीवन कारावास से दंडित बंदियों को पात्रतानुसार रिहा किया जाएगा। जेल अधीक्षक मानेन्द्र सिंह परिहार ने रिहा होने वाले बंदियों से उन्हे पुनः अपराध नहीं करने की अपील की है साथ ही उनसे अपेक्षा की है कि वह जेल में परिरूद्ध रहने के दौरान जो कौशल और प्रशिक्षण अर्जित किया है उसका उपयोग अपने परिवार के जीवकोपार्जन एवं अच्छे समाज के नव-निर्माण में सहभागी बनने के लिए करेंगें। 2 अक्टूबर को रिहा होने वाले बंदियों में सुनीता पति प्रीतम राजपूत, उर्मिला पति कैलाश रजक, नीरजबाई पति नारायण पटेल, तबस्सुम पति वसीम खांन, वसीम पिता रकीब खांन, तुलसीराम पिता मलखान लोधी, पप्पू उर्फ कलीम पिता नन्ने खां, सोनू उर्फ देवेन्द्र पिता भागीरथ, रघुवीर पिता भग्गू आदिवासी, सीताराम उर्फ भाजपा पिता छोटेलाल, पुष्पेन्द्र पिता गिरधारी, चालीराजा पिता राजेन्द्र, राजू उर्फ राजकुमार पिता हुकुम सिंह, हल्के उर्फ ओमप्रकाश पिता द्वारका, विनोद उर्फ कालिया पिता सुंदरलाल, ब्रजेश पिता मदनमोहन, प्रयाग पिता गौरीशंकर, चंदू उर्फ हरिशचंद्र पिता मस्तराम शामिल हैं।