
राजा श्रीपाल मैना सुंदरी की धूमधाम से निकली शोभायात्रा
सिद्धचक्र महामण्डल विधान में सिद्धों की भक्ति करते हुए 512 अर्घ्य चढ़ाएं
सुरेन्द्र जैन मालथौन।
नगर के जैन बड़ा मंदिर जी मे आयोजित सिद्ध चक्र महामण्डल विधान में छठवें दिन विधानपूजन हुआ। वंदनीय आर्यिका श्री सूत्रमती माताजी संसघ के सानिध्य में सिद्धचक्र मंडल विधान के छठवें दिवस 64 ऋद्धि धारी बीजाअक्षर मंत्रों से उच्चारण से शांतिधारा संपन्न कराई। इसके उपरांत अपने प्रवचन में कहा कि विधान में जैसे अर्घ्य 8 से 16-32 से 1024 बढ़ते क्रम में चले जाते है ऐसे ही भगवान की भक्ति में भगवान के गुणों में हमारा अनुराग बढ़ता चला जायेगा। वैसे ही हमारे कर्मो की निर्जरा होने लगती है तब पुण्यकर्म का बंध होता है वह बढ़ता चला जाता हैं।विधान में विधानचार्य ब्रम्हचारी नीलेश भैया एवं ब्रा. योगेश भैया ने विधान पूजन करवाते हुए इंद्र इंद्राणियो ,श्रावकों ने 512 अर्घ्य समवशरण मंडप में समर्पित हुए। दोपहर में राजा श्रीपाल मैना सुंदरी की बारात धूमधाम से निकाली गई जगह जगह राजा श्रीपाल मैना सुंदरी का तिलक वंदन कर स्वागत हुआ। इस दौरान श्रीपाल राजा मैना सुंदरी का पात्र चक्रेश मीना कठरया ,सुर सुंदरी का पात्र सोनम साहिल सतभैया बग्गी में सवार होकर चल रहे थे आगे दिव्यघोष ,बैंडबाजों की थाप पर बाराती नृत्य करते चल रहे थे।